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जैव विविधता संरक्षण में समाज की भूमिका एवं जावाब देही

समाज को वनों और उनकी जैवविविधत्ता की चिन्ता करनी चाहिए। उसके बिना समाज का प्रकृति एजेन्डा अधूरा है। भारतीय संस्कृति में मानव, पशु-पक्षी, कीट-पतंग, जल जीय, पेड़-पौधे लताएँ, नदी तालाब … Read More

नवरात्रि और नौ औषधीय पौधों के बीच पवित्र संबंध: एक पारंपरिक और चिकित्सीय परिप्रेक्ष्य

गुड़ी पड़वा अर्थात चैत्र नवरात्रका प्रारम्भ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि को होने के साथ ही विक्रम संवत् जो पंचांग राजा विक्रमादित्य के शासनकाल से ही जारी, का भी प्रारंभ होता … Read More