कैसा हो समाज का प्रकृति एजेन्डा ? – धरती और वन…..

समाज को वनों और उनकी जैवविविधत्ता की चिन्ता करनी चाहिए। उसके बिना समाज का प्रकृति एजेन्डा अधूरा है। भारतीय संस्कृति में मानव, पशु-पक्षी, कीट-पतंग, जल जीय, पेड़-पौधे लताएँ, नदी तालाब … Read More

गिद्धों के विलुप्त होने से 5 लाख लोगों की मौत कैसे हुई ?

एक वक़्त ऐसा था जब भारत में बड़ी संख्या में गिद्ध पाए जाते मवेशियों के शवों की तलाश में गिद्ध विशाल लैंडफिल पर मंडराते. कभी-कभी वे हवाईअड्डे से उड़ान भरने … Read More